सितार वादक पं. देबू चौधरी के सुपुत्र प्रतीक चौधरी भी क्रूर कोरोना की भेंट चढ़े
पण्डित रासबिहारी चक्रवर्ती जी के “कल्पतरु कल्चरल इवोलुशन ग्रुप” के व्हाट्स एप्प के मध्यम से मुझे ज्ञात हुआ कि मशहूर सितारवादक पं. देबू चौधरी के उपरान्त उनके सुपुत्र प्रतीक चौधरी भी क्रूर कोरोना की भेंट चढ़ गए। प्रतीक चौधरी जी भी व्हाट्स एप्प में हमारे साथ जुड़े हुए थे। वहीं से उनके सितारवादन से जुड़े तमाम कार्यक्रमों की जानकारी हमें प्राप्त होती थी। क्या मालूम था कि उनकी मौत की ख़बर भी इसी व्हाट्स एप्प ग्रुप से सुनने को मिलेगी। 1 मई को प्रतीक जी के पिता देबू चौधरी जी के निधन का दुखद समाचार मिला था।
अपने पिता के निधन की जानकारी अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर प्रतीक जी ने स्वयं दी थी, “मेरे पिता, दिग्गज सितारवादक, पंडित देबू चौधरी नहीं रहे। उन्हें कोविड-19 के साथ ही मनोभ्रंश की जटिलताओं के साथ भर्ती कराया गया था। उन्हें आज (एक मई, 2021) मध्यरात्रि के आस-पास आई.सी.यू. में वेंटिलेटर पर रखा गया था, जहाँ हृदय गति रुक जाने से उनकी मृत्यु हो गयी।
इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी प्राण घातक लहर भारतवर्ष में चल रही है। आम लोग ही नहीं बल्कि अनेक कलाकारों पर भी कहर बनकर टूटा है कोरोना। अप्रैल के अन्तिम सप्ताह से अब तक अनेक साहित्यकार, संगीतकार व नेतागण क्रूर कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। जिनमें नरेन्द्र कोहली, रमेश उपाध्याय, ज़हीर कुरैशी, कुँवर बेचैन, संगीतकार जोड़ी नदीम श्रवण के “श्रवण”, राजन मिश्रा, सितारवादक देबू चौधरी के बाद अब उनके सुपुत्र प्रतीक चौधरी भी कोरोना से दिवंगत हो चुके हैं। प्रतीक पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थे। शुक्रवार रात्रि 2:30 बजे 8 मई 2021 ई. को प्रतीक जी का देहान्त हो गया। उनकी पत्नी रूना व 4 साल की बेटी रयाना भी अभी कोरोना संक्रमित हैं। दुआ करते हैं कि ईश्वर इन्हें जल्दी स्वास्थ्य करे।
शरीर तो नाशवान है मगर जो प्रतिभा व्यक्ति के भीतर होती है वह उसे अजर-अमर कर देती है। उनके सितार वादक रूप को पूरी दुनिया ने समय-समय पर कार्यक्रमों के माध्यम से देखा, सुना व सराहा है। उनकी प्रतिभा यू टूब चैनल पर सुरक्षित व उपलब्ध है। उनके सम्मान में मैंने एक दोहा प्रतीक जी को उनके चित्र के साथ पिछले बरस व्हाट्स एप्प में भेजा था:—
सितार प्रतीक आपका, होंठो पर मुस्कान
बेजोड़ कलाकार हो, बढ़ी सभा की शान