सावन गीत(भीगा भीगा जाये मेरे मन का आँगन )
प्यार की बरसात लेकर आया सावन
भीगा भीगा जाये मेरे मन का आँगन
गुनगुनाती रहती दिल में प्रीत ऐसे
धड़कनों में घुल गया संगीत जैसे
प्यार का कैसा अनोखा ये असर है
निखरा निखरा जाये मेरा साँवरा तन
भीगा भीगा जाये मेरे मन का आँगन
बादलों ने नैनों में काजल लगाया
रूप अपना फूलों ने मुझ पर लुटाया
धरती और आकाश ने भी प्यार के ही
सात रंगों से सजाया मेरा दामन
भीगा भीगा जाये मेरे मन का आँगन
सपनों में रहने लगी हूँ खोई खोई
जागती भी लगती हूँ मैं सोई सोई
हो गया है यूँ नशा मुझको पिये बिन
झूमा झूमा जाये मेरा बावरा मन
भीगा भीगा जाये मेरे मन का आँगन
01-08-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद