सावन आया है
प्रेम सुधा बरसाने आया है
गीत प्रेम के गाने आया है
प्रकृति की ये छटा निराली
देख सखी सावन आया है
बीज प्रेम के जो बोए थे
अंकुर की उम्मीदें खोए थे
दूर उदासी करने आया है
देख सखी सावन आया है
बिरह की वेदना घनी थी
मिलन की आस विकल थी
साजन का संदेशा लाया है
देख सखी सावन आया है
पेड़ पौधे हर्षित हो गए हैं
पुष्प भी पल्लवित हो गए हैं
बहार का मौसम आया है
देख सखी सावन आया है
उमड़ घुमड़ मेघा कुछ बोलें
फुहार भी कानों में रस घोले
इस बारिश साजन आया है
देख सखी सावन आया है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बालाघाट (मध्य प्रदेश)