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12 Sep 2024 · 1 min read

*साम्ब षट्पदी—*

साम्ब षट्पदी—
12/09/2024

(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत

अँगनाई।
हो चुहलबाजी,
देवर संग भौजाई।।
बुजुर्गों का जहाँ सम्मान हो।
नारी सुरक्षित महसूस करे,
घर वही है जहाँ पूजा का भी स्थान हो।।

(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत

शहनाई।
करे अगुवाई।।
दर्दीले सुर रागों से।
नाता टूटता सजे बागों से।।
दिलों के मर्म को सदा भेदती है।
आँसुओं के घन समूहों को छेदती है।।

(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम, प्रथम तुकांत
*

उबकाई।
जब भी आती है।
नई संभावनाओं की
संकेतक सी बन जाती है।।
नव सृजन का या अजीर्णता का,
सूचना देने को करती है अगुवाई।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)

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