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9 Sep 2024 · 1 min read

*साम्ब षट्पदी—*

साम्ब षट्पदी—
09/09/2024

महालय।
सपनों से भरा,
एक सिद्ध विधालय।।
विराजते हैं छंदाधिपति।
माँ भगवती जहाँ नित्य रहें,
जो देती हैं सुर लय शब्द यति गति।।

माँ बिलासा।
ज्ञान की पिपासा।।
जो प्रेरित करती है।
उत्साह से मन भरती है।।
कर्तव्य-बोध से आभासित होता।
मैं अतीत को अपने कभी नहीं ढोता।।

आओ चलें।
आगे बढ़ें हम।
मन में ओजस भर,
त्याग के अपने सारे गम।।
कठिन परीक्षा को सदा तैयार,
आलोकित करें विश्व को सूर्य सा जलें।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य, (बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)

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