*साम्ब षट्पदी—*
साम्ब षट्पदी—
03/11/2024
(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत
प्रवृत्तियाँ।
अकसर देती,
अति बुरी विकृतियां।।
अधोगति की ये संकेतक।
ये अजीब सी बात है कदाचित,
उर्ध्वगामी की भी यही हैं प्रिय चेतक।।
(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत
आकृतियाँ।
पाती उपाधियाँ।।
होती जब आलोचना।
गहरे तल में टटोलना।।
अंतः द्वंद्व को फिर उपजाती है।
नवीन अन्वेषण की राह बताती है।।
(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम- प्रथम तुकांत
आवृत्तियाँ।
कहती कहानी।
गुजरे पदचिन्हों की,
तरंगों की थी मस्त रवानी।।
जो अब तक मिट भी चुके होंगे,
खोजता है ये बावरा मन निशानियां।।
— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
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