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1 Nov 2024 · 1 min read

*साम्ब षट्पदी—*

साम्ब षट्पदी—
01/11/2024

(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत
दीपावली।
दीपों का त्योहार,
आओ गायें गीतावली।।
समृद्धि दें माँ हरिवल्लभा।
हर जन सुख वैभव को पायें,
आत्म दीप्त हों सभी मानस स्वयंप्रभा

(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत

चित्रावली।
देखे उतावली।।
वो रोमांचित हो जाती।
कभी हँसती तो कभी गाती।।
चाहती आज समय को जी लेना।
क्या पता कल का कट मत जाये डेना।।

(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम, प्रथम तुकांत

वृक्षावली।
जिसने लगाये।
वह आज तक सुनो,
कितने जीवों से दुआ पाये।।
उसने कर लिया अमर नाम,
अब दायित्व निभाये नई वंशावली।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)

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