*साम्ब षट्पदी—*
साम्ब षट्पदी—
28/10/2024
(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत
प्रकाशक।
करता इशारा,
यह भी है संवाहक।।
वैचारिक मंथन करिए,
गुण दोष की हो स्वस्थ विवेचना
प्रशंसापत्र को चार शब्दों से भरिए।।
(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत
प्रशासक।
संकटनाशक।।
जब कभी बन जाते।
विकसित वातायन लाते।।
जिम्मेवारी के लाते उदाहरण।
कई करते हैं आकर अनुकरण।।
(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम, प्रथम तुकांत
उपासक।
फिर तैयार हैं।
काली पूजा के कारण,
चमकीले खुले बाजार हैं।।
मिट्टी रौंदी जा रही जरा ध्यान दो।
अब भी सिसक रही अपने कान दो।।
— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
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