*साम्ब षट्पदी—*
साम्ब षट्पदी—
16/10/2024
(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत
अपनत्व।
विलगाव हरे,
देता है सदा एकत्व।।
दृढ़ सामाजिक संरचना।
राष्ट्रीयता को मजबूती देता,
परायेपन से जीवन भर बचना।।
(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत
पुरातत्व।
दिखाये दासत्व।।
नारी का हुआ शोषण।
पूँजीवाद का किया पोषण।।
सभ्यताओं का हुआ विकास क्रम।
विशेषज्ञों को करना पड़ता है श्रम।।
(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम, प्रथम तुकांत
अमरत्व।
नहीं है सरल।
अनूठा रहे स्तरीय,
किस तरह हुआ पहल।।
नई दिशा दे जो आज के सोच को,
जो निरंतर ही वृद्धि करे गुण सत्व।।
— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
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