Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2024 · 1 min read

*साम्ब षट्पदी—*

साम्ब षट्पदी—
07/10/2024

(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत

नजराना।
दिया है तुमको,
इसे दिल से लगाना।।
जब कभी मेरी याद आये।
दो चार आँसू बहा दिया करना,
शायद तुम्हें ऐ साथी चैन मिल जाये।।

(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत

अनजाना।
यह अफसाना।।
मेरी आत्मकथा में है।
अपूरणीय सी व्यथा में है।।
जब कभी यादों को पलटता हूँ।
तुम्हारा नाम लिखकर सिसकता हूँ।।

(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम, प्रथम तुकांत

अपनाना।
बेहद जरूरी,
हो गया अब मुझको,
बन चुकी मेरी मजबूरी।।
मैँ फँस चुका मित्र चक्रव्यूह में,
कहती है कि मैं हूँ न मत घबराना।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)

[][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][]

59 Views

You may also like these posts

" गुमसुम कविता "
DrLakshman Jha Parimal
"भिखारियों की क्वालिटी"
Dr. Kishan tandon kranti
होता नहीं किसी का
होता नहीं किसी का
Sukeshini Budhawne
मान जाने से है वो डरती
मान जाने से है वो डरती
Buddha Prakash
कहीं पे पहुँचने के लिए,
कहीं पे पहुँचने के लिए,
शेखर सिंह
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
कवि रमेशराज
फूल और स्त्री
फूल और स्त्री
Shweta Soni
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
डायरी में शायरी...
डायरी में शायरी...
आर.एस. 'प्रीतम'
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
विजय कुमार अग्रवाल
अपराजिता
अपराजिता
Shashi Mahajan
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
PRADYUMNA AROTHIYA
सडा फल
सडा फल
Karuna Goswami
हो सके तो मुझे भूल जाओ
हो सके तो मुझे भूल जाओ
Shekhar Chandra Mitra
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
*प्रणय*
समय का भंवर
समय का भंवर
RAMESH Kumar
मिलेगा सम्मान
मिलेगा सम्मान
Seema gupta,Alwar
अंत ना अनंत हैं
अंत ना अनंत हैं
TARAN VERMA
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*गाड़ी निर्धन की कहो, साईकिल है नाम (कुंडलिया)*
*गाड़ी निर्धन की कहो, साईकिल है नाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
Ashwini sharma
रिश्ते के सफर जिस व्यवहार, नियत और सीरत रखोगे मुझसे
रिश्ते के सफर जिस व्यवहार, नियत और सीरत रखोगे मुझसे
पूर्वार्थ
मैं ढूंढता हूं जिसे
मैं ढूंढता हूं जिसे
Surinder blackpen
गुरु चरणों की धूल
गुरु चरणों की धूल
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैंने देखा है बदलते हुये इंसानो को
मैंने देखा है बदलते हुये इंसानो को
shabina. Naaz
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
Lokesh Sharma
।। द्वंद्व।।
।। द्वंद्व।।
Priyank Upadhyay
फ्लेशबैक
फ्लेशबैक
meenu yadav
"मन" भर मन पर बोझ
Atul "Krishn"
Loading...