*साम्ब षट्पदी—*
साम्ब षट्पदी—
02/10/2024
(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत
भागीरथ।
कर लो प्रयास,
बनाओ स्वयं का पथ।।
लहराओ कीर्ति का पताका।
असंभव को कर दे तू संभव,
चल कर्म कर उठा अपनी शलाका।।
(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत
मनोरथ।
अनंत अकथ।।
प्रेय दिशा दो मन को।
ऊर्जावान कर जीवन को।।
तू विशेष है ये सारा जग जाने।
महारथी भी हमेशा तेरा लोहा माने।।
(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम, प्रथम तुकांत
अग्निपथ।
को तेरी प्रतीक्षा।
पर्यवेक्षक बन के,
कल लेगा कठिन परीक्षा।।
कमर कस बढ़ चल तू आगे,
सफल ही होगा तेरा ये जीवन रथ।।
— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
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