साफगोई
तुम ऐसे काम करते ही क्यों हो
जिनके लिए तुम्हें सबसे झूठ बोलना पड़ता है?
तुम ऐसी चीजें रखते ही क्यों हो
जिन्हें तुम्हें दुनिया से छुपाना पड़ता है?
तुम ऐसी बातें कहते ही क्यों हो
जिन्हें तुम दूसरों के सामने कबूल नहीं कर सकते?
तुम ऐसे रिवाज छोड़ ही क्यों नहीं देते
जिनके कारण तुम्हें शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है?