साधना से सिद्धि…..
साधना सिद्धि विज्ञान और ज्ञान
योग रोग भोग और ध्यान
सभी को साधने की क्षमता रखती
हाँ किताब मित्र और प्रज्ञावान होती
पथ प्रेरक सुबोधिनी और सुकांत होती
किताब मृदु बानी और कमलकांत होती
बिना आह्वान किये देव के वरदान सी होती
किताब मुक्ति और युक्ति का समाधान होती
दिव्य वाणी और धर्म-कर्म की सीढ़ी होती
प्रेम की अनुभूति और विश्वास की पीढ़ी होती
हाँ किताब मित्र और प्रज्ञावान होती……
अंतरंगी संतोष का वैभव प्रदान करती
सतरंगी काव्य कोश का द्रव्य दान करती
अलौकिक दिव्य प्रकाश का समागम होती
भक्ति ज्ञान और विवेक का संगम होती
अहम् को नष्ट कर वयम् का निर्माण करती
वो किताब ही है जो……
सच्चा मित्र और प्रज्ञावान होती……
संतोष सोनी “तोषी”
जोधपुर ( राज.)