Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2024 · 1 min read

साक्षात्कार

साक्षात्कार (धनुष वर्ण पिरामिड)

क्या
लोगे
सुन लो
साक्षात्कार
जो पूछ रहे
तुझको आता क्या?
तुम बनते बस
केवल चाट रहे
भेजा, नहीं देना
नियुक्ति हर
हालत में
करना
धन
की।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 50 Views

You may also like these posts

सरस्वती बुआ जी की याद में
सरस्वती बुआ जी की याद में
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
seema sharma
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
चूहे
चूहे
Vindhya Prakash Mishra
जीवन है अनमोल
जीवन है अनमोल
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
Rekha khichi
पूजा का भक्त–गणित / मुसाफ़िर बैठा
पूजा का भक्त–गणित / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
तुम, तुम और तुम
तुम, तुम और तुम
Acharya Shilak Ram
2830. *पूर्णिका*
2830. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार।
न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार।
ओसमणी साहू 'ओश'
पहाड़ के गांव,एक गांव से पलायन पर मेरे भाव ,
पहाड़ के गांव,एक गांव से पलायन पर मेरे भाव ,
Mohan Pandey
बिना चले गन्तव्य को,
बिना चले गन्तव्य को,
sushil sarna
न ढूंढ़ मेरा किरदार दुनियां की भीड़ में..
न ढूंढ़ मेरा किरदार दुनियां की भीड़ में..
पूर्वार्थ
प्रणय गीत...
प्रणय गीत...
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
Neelofar Khan
तिरंगा हाथ में लेकर
तिरंगा हाथ में लेकर
Dr Archana Gupta
"कैसे फैले उजियाली"
Dr. Kishan tandon kranti
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
surenderpal vaidya
देवघर यानी वैद्यनाथजी
देवघर यानी वैद्यनाथजी
श्रीहर्ष आचार्य
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दिनकर तुम शांत हो
दिनकर तुम शांत हो
भरत कुमार सोलंकी
मैं और तुम
मैं और तुम
Vivek Pandey
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
🙅शाश्वत सत्य🙅
🙅शाश्वत सत्य🙅
*प्रणय*
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
Shweta Soni
मणिपुर और सियासत
मणिपुर और सियासत
Khajan Singh Nain
सूरत अच्छी ,नीयत खोटी दर्पण देख रहे हैं लोग ,
सूरत अच्छी ,नीयत खोटी दर्पण देख रहे हैं लोग ,
Manju sagar
जिसे छूने से ज्यादा... देखने में सुकून मिले
जिसे छूने से ज्यादा... देखने में सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
Loading...