Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2018 · 2 min read

#सांग – सारंगापरी # अनुक्रमांक-4 # एक साधू रमता राम सै, लिया भगमा बाणा माई।। टेक ।।

एक साधू रमता राम सै, लिया भगमा बाणा माई।। टेक ।।

साधू की 18 सिद्धी, पहली सिद्धी सत्यबाणी,
दूसरे कै मन की बात जाणूं, तीन लोक की खबर मंगाणी,
भूत, भविष्य, वर्तमान, तीन काल की जाती जाणी,
सातवी सिद्धी सत पै रहणा, आठ योग, नौ नाथ विज्ञानी,
दसवें द्वारै जीव चल्या जा, तुर्यापद अटल समाधी लाणी,
लौ तै लौ लगै ईश्वर मै, फिरै घूमता भवंर सैलानी,
ॐ भूर्भवः महालोक, ब्रहम रूप होए अंतरज्ञानी,
परमजोत कुदरत से मिलज्या, मोहमाया से मुक्त प्राणी,
आत्मा.परमात्मा कहै सै, मुनि-महात्मा ज्ञानी-ध्यानी,
आवागमन छुटै चैरासी आवै कोन्या मौत निमाणी,
सतलोक परम का धाम सै, ना जाके आणा माई।।

मै उस धूणै का साधू, जिसकी भारी जोग-जमात,
चौसठ जोग-जोगनी, तैतीसो चेले, सेवक दिन-रात,
आठ पंथ, नो नाथ, चौरासी का रखवाला गोरखनाथ,
पंचमगर, कनपाड़े साधू, जादूपंथी, औघड़नाथ,
झाड़े-मंत्र सेवन-विद्या, ब्होत जाणूं करामात,
मन चाहवै जिसा भोजन जीमूं, चाहूँ जिसा बणाल्यूं गात,
राजा नै कंगाल बणादूं, कंगले कै होज्या धन-जादात,
मौज उड़ावै लाल खिलावै, बांझ बणै बेटे की मात,
आपस कै म्हा बैर-दुश्मनी जिसकी चालै पीढी सात,
उन माणसा की एक घड़ी म्य, मै करवादूं मुलाकात,
मेरै धनमाया किस काम सै, मनै मांगके खाणा माई।।

वेनजुएला, अल्जीरीया, बेल्जियम, मोरी, सूडान,
न्यूजीलैंड, थाईलैंड, नाईजीरियां, पेरिस, लंदन, तालिबान,
बैलग्रेड, युगोस्लाविया, मलेशिया, दुबई, बहरान,
हांगकांग, फ्रांस, इटली, लंका, आस्ट्रेलिया, रजान,
सिंध, काबुल, कंधार, ऐशिया, अरबदेश, ईराक, ईरान,
रूमशाम, इंग्लैड, शाहजहां, बर्मा और बिलोचिस्तान,
ग्रीक, हंगरी, अमरीका, रूस, चीन और जर्मन, जापान,
मैगजीन, भोनसी, पराना, ऑल इंडिया, पाकिस्तान,
आईसलैंड, पनामा, पेरू, ताशकंद, उज्बेकिस्तान,
रोमानियां, वियतनाम, सिंगापुर, मक्का, ताईवान,
देख्या मनै ओमान सै, यो घूम जमाना माई।।

गंगा-जमना 68 तीर्थ, देख लिए मनै चारों धाम,
गऊमुखी, बन्द्रीनारायण, पिरागराज, त्रिवेणी नाम,
सरवण नदी, गौतमी, गंगा, गोदावरी पै डटे सिया-राम,
ऋषिकेष, हरिद्वार, अयोध्या, गौकुल-मथुरा मै कन्हैया-श्याम,
रामेश्वर, केदारनाथ, गंगोत्री, गयाजी विश्राम,
सोमनाथ, जगन्नाथपुरी, बैजनाथ, बिहार, आसाम,
पुष्कर, विश्कर्मा, ब्रहमपुत्र, त्रिवेन्द्र, फलगू रस्ता आम,
चक्षु-भद्रा, सीया-नंदा नर्मदा-तप्ती पै, रथ सूर्य नै लिया थाम,
कृष्णा, कावेरी, पुनमही, पोषणी मै, न्हावै देश तमाम,
ब्राहमण जात प्रेम का बासी, कवि सुण्या हो राजेराम,
खास लुहारी गाम सै, मेरा ठोड़-ठिकाणा माई।।

Language: Hindi
530 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
Pravesh Shinde
तुम मुझे बना लो
तुम मुझे बना लो
श्याम सिंह बिष्ट
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
Ravi Prakash
जो महा-मनीषी मुझे
जो महा-मनीषी मुझे
*Author प्रणय प्रभात*
पहले कविता जीती है
पहले कविता जीती है
Niki pushkar
क्या ऐसी स्त्री से…
क्या ऐसी स्त्री से…
Rekha Drolia
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
जय जय जगदम्बे
जय जय जगदम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हे प्रभू तुमसे मुझे फिर क्यों गिला हो।
हे प्रभू तुमसे मुझे फिर क्यों गिला हो।
सत्य कुमार प्रेमी
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – बाल्यकाल और नया पड़ाव – 02
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – बाल्यकाल और नया पड़ाव – 02
Sadhavi Sonarkar
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
*खुद को  खुदा  समझते लोग हैँ*
*खुद को खुदा समझते लोग हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💐प्रेम कौतुक-346💐
💐प्रेम कौतुक-346💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
Kanchan Khanna
2273.
2273.
Dr.Khedu Bharti
जब मैंने एक तिरंगा खरीदा
जब मैंने एक तिरंगा खरीदा
SURYA PRAKASH SHARMA
नामुमकिन
नामुमकिन
Srishty Bansal
कविता- घर घर आएंगे राम
कविता- घर घर आएंगे राम
Anand Sharma
जीत जुनून से तय होती है।
जीत जुनून से तय होती है।
Rj Anand Prajapati
हिंदी हाइकु- नवरात्रि विशेष
हिंदी हाइकु- नवरात्रि विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
Dr fauzia Naseem shad
अहसास तेरे....
अहसास तेरे....
Santosh Soni
जन जन में खींचतान
जन जन में खींचतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गर्भपात
गर्भपात
Dr. Kishan tandon kranti
अफसोस मुझको भी बदलना पड़ा जमाने के साथ
अफसोस मुझको भी बदलना पड़ा जमाने के साथ
gurudeenverma198
तपोवन है जीवन
तपोवन है जीवन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
वैशाख का महीना
वैशाख का महीना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मदर्स डे
मदर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...