Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Oct 2023 · 1 min read

सलेक्ट होलें कउआ

सुनला पर साँचो आश्चर्य होई रउआ
चानी से आले बा गिलट के भउआ
होता सलेक्सन संगीत वाला मास्टर के
छँटि जाली कोयल सलेक्ट होलें कउआ
काम बने पूजा देंउकुरी चढ़वला से
एकरा अलावा बा दोसर ना दउआ
बात जहाँ कवनो बा बोतल से नीचे ना
ओ जगे का करी आधा आ पउआ
अदिमी ई चारा पचा जाता जेतना ले
सातो जनम में सधइहें ना चउआ
‘अवधू’ भँइसि जवन कहियो नहाले ना
ओहू का लगता तेल गमकउआ

Language: Bhojpuri
140 Views

You may also like these posts

“उसकी यादें”
“उसकी यादें”
ओसमणी साहू 'ओश'
*सामयिक मुक्तक*
*सामयिक मुक्तक*
*प्रणय*
कद्र माँ-बाप की जिसके आशियाने में नहीं
कद्र माँ-बाप की जिसके आशियाने में नहीं
VINOD CHAUHAN
बिंदियों की जगह
बिंदियों की जगह
Vivek Pandey
"लाजवाब"
Dr. Kishan tandon kranti
”ज़िन्दगी छोटी नहीं होती
”ज़िन्दगी छोटी नहीं होती
शेखर सिंह
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
Sushil Sarna
जिंदगी
जिंदगी
Adha Deshwal
पोती
पोती
Sudhir srivastava
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
आज का इंसान
आज का इंसान
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इतनी ज़ुबाॅ को
इतनी ज़ुबाॅ को
Dr fauzia Naseem shad
जीवन के उलझे तार न सुलझाता कोई,
जीवन के उलझे तार न सुलझाता कोई,
Priya princess panwar
"Life has taken so much from me that I'm no longer afraid. E
पूर्वार्थ
देर तक शाख़ पर नहीं ठहरे
देर तक शाख़ पर नहीं ठहरे
Shweta Soni
जिंदगी तेरे हंसी रंग
जिंदगी तेरे हंसी रंग
Harminder Kaur
#महल का कंगुरा
#महल का कंगुरा
Radheshyam Khatik
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
नहीं-नहीं प्रिये!
नहीं-नहीं प्रिये!
Pratibha Pandey
सत्यदेव
सत्यदेव
Rajesh Kumar Kaurav
मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रेशम के धागे में बंधता प्यार
रेशम के धागे में बंधता प्यार
सुशील भारती
शुद्ध जल और शुद्ध वायु के लिए
शुद्ध जल और शुद्ध वायु के लिए
Sonam Puneet Dubey
शेर
शेर
पाण्डेय नवीन 'शर्मा'
*डमरु (बाल कविता)*
*डमरु (बाल कविता)*
Ravi Prakash
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
Abhishek Soni
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
तुम जो रूठे किनारा मिलेगा कहां
तुम जो रूठे किनारा मिलेगा कहां
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
मेरी औकात
मेरी औकात
साहित्य गौरव
अजीब है ऐ  ख़ुदा तू, और तेरी ये  ख़ुदाई भी,
अजीब है ऐ ख़ुदा तू, और तेरी ये ख़ुदाई भी,
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...