*सर्दी (कुंडलिया)*
सर्दी (कुंडलिया)
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आई जमकर शीत ऋतु, पहली-पहली बार
ठंडक कुछ कम कीजिए,हे जग-पालनहार
हे जग-पालनहार , न कुल्फी और जमाओ
मैदानों में शीत, पर्वतों-सी मत लाओ
कहते रवि कविराय,गरम कब गरम रजाई
जब लेते हैं साँस , साथ में सर्दी आई
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1