सर्दी का मौसम
सर्दी का मौसम
माँ सर्दी का मौसम
क्यों हमको ठिठुराता है
सूरज भी देखो अक्सर
गुमसुम सा नजर आता है।
दादी अक्सर धूप में बैठकर
स्वेटर बुनती रहती हैं
लंबा कुर्ता पहने दादाजी
सर्दी से ठिठुरे बैठे हैं।
सर्दी में देखो! धूप यह
कितनी सुहानी लगती हैं
चेहरे पर सब मफलर बाँधे
सूरज दादा को मनाते हैं।
ताजे- ताजे गन्ने का रस
कितना मीठा लगता है
बर्फ की नही ज़रूरत
कितना ठंडा लगता है।
दिन देखो कितना छोटा लगता
कितनी जल्दी शाम हो जाती है
रोज शाम को मूँगफली, गज्जक वाला
ज़ोर- ज़ोर से आवाज़ें लगाता है।
हरमिंदर कौर,
अमरोहा (यूपी )
@मौलिक रचना