सरहद पर तनाव
दुनिया का ठेका
किसने दिया आदमी को?
किसने कुफ़्र कहा
एक आज़ाद ज़िंदगी को?
रंग, नस्ल और
मज़हब के नाम पर!
किससे पूछ कर
बांटा गया इस ज़मीं को?
चिड़ियों से?
बादलों से?
नदियों या
हवाओं से?
Shekhar Chandra Mitra
#BorderCrisis
#AntiwarPoetry