सरसी छंद
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
आयोजन—छंद लेखन-1
प्रदत्त छंद–सरसी ।
दिनांक—13/08/2024,,, (प्रथम प्रयास )
*************************************
देश हमारा भारत प्यारा , प्राण निछावर यार ।
सरहद पर तैनात सिपाही,होगी कभी न हार ।।
गंगा जमुना धारा बनकर , बहे समंदर पार ।
निर्मल कोमल इठलाती जब ,दूर दूर परिहार ।।
कत्था चूना लगा के रक्खा , खाएं सब मेहमान।
सेवा भाव बड़ा चंचल है, बढ़ता गया है मान।।
प्रीत लगन सब नाम की होवे,मन भागे कित ओर ।
सांझ ढले चंदा मुस्काया , क्यों होवत है शोर ।।
✍️नील रूहानी ( नीलोफर खान,सूरत )
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
*******************************************