समर्पण
तुम जीत जाओ बार बार।
हार कर भी बहुत खुश हैं हम।।
तेरे चेहरे पर जीत की ये मुस्कान।
हमारे लिए जीत से नहीं है कम।।
—रंजना माथुर दिनांक 08/08/2017
(मेरी स्व रचित व मौलिक रचना)
@ copyright
तुम जीत जाओ बार बार।
हार कर भी बहुत खुश हैं हम।।
तेरे चेहरे पर जीत की ये मुस्कान।
हमारे लिए जीत से नहीं है कम।।
—रंजना माथुर दिनांक 08/08/2017
(मेरी स्व रचित व मौलिक रचना)
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