समर्पण और श्रेय
पेट औरत का, असहनीय प्रसव पीड़ा औरत की।
पर उत्पन्न संतान पुरुष के नाम का ।
सिर औरत की, सिंदूर औरत की
मांग पुरुष के नाम का ।
घर संभालना, खाना बनाना, सभी की छोटी मोटी जरूरते
पूरी करना काम औरत का ।
घर का मुखिया, पालनकर्ता, नाम पुरुष का ।
स्कूल के पंजी में, हरेक दस्तावेज में, नाम पिता का ।
मुन्ना प्रथम आये, नाम रोशन पिता का ।
मुन्ना गलतियां करे, कक्षा में फेल हो जाये ।
लापरवाही, परवरिश माता की ।
जब इतना ही सब पुरुष के नाम का ।
तो पुरुष के पास क्या है औरत के नाम का ।
गोविन्द उईके