” समय “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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समय सबको
एक जैसा ही मिला है
युग पुरुष निर्माण
की ही बातें सोचते हैं
अपने कोशिशों से
नयी कोई श्रृष्टि रचते !
है हमारे दिन गिने
इस धरा पे
कल न जाने हम
यहाँ पर हो न हों!
आज का क्षण
क्यों ना स्वर्णिम
हम बनालें?
इतिहास के पन्नों में क्यों ना
अपना घर बना लें?
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड