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11 Dec 2022 · 1 min read

*समय नित रंग बदलता (कुंडलिया)*

समय नित रंग बदलता (कुंडलिया)
______________________________
आता मौसम ठंड का ,ज्यों गर्मी के बाद
जीवन में आते सदा ,हर्षोल्लास – विषाद
हर्षोल्लास-विषाद ,समय नित रंग बदलता
टेढ़ी इसकी चाल ,सीध में कब यह चलता
कहते रवि कविराय ,कोहरा कभी सताता
कभी निकल कर धूप ,सुहाना दिन है आता
______________________________
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
———————-
विषाद = उदासी ,गम ,निराशा ,दुख

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