समझदारी – कहानी
एक जंगल में गधों का एक झुंड रहता था l इन सबके बीच एक गधा था चुन्नू | चुन्नू एक साधारण गधा था | वह ज्यादा दिमाग नहीं लगाता था | किसी भी काम को करने में | इसी वजह से वह बहुत से काम ठीक से नहीं कर पाता था | इस पर बाकी गधे उसका मजाक उड़ाया करते थे | समय बीतता गया | चुन्नू का गधापन उस पर हावी होता गया | और एक दिन वह भी आया जब चुन्नू को खुद से भी चिढ़ होने लगी |
चुन्नू के माता – पिता इस बात को लेकर चिंचित थे कि चुन्नू समझधार कब होगा | और जंगल के जीव उसका मजाक उड़ाना कब बंद करेंगे | वे दोनों चुन्नू के लिए भगवान् से प्रार्थना करते थे | एक दिन उन दोनों के समक्ष एक महात्मा प्रकट हुए | और पूछा – तुम दोनों इतने चिंचित क्यों हो ? इसका कारण मुझे बताओ | तो चुन्नू के माता – पिता ने सारी बातें महात्मा जी को बता दी | तब महात्मा जी ने उनसे कहा कि एक काम करो | यहाँ से दूर पूर्व दिशा में एक आश्रम है | उस आश्रम में चुन्नू को भेज दो और उसे वहां शिक्षा ग्रहण करने दो | इसमें करीब तीन माह का समय लगेगा | पर यह बात तुम जंगल में किसी को नहीं बताना वरना लोग तुम पर हँसेंगे |
चुन्नू के माता – पिता चुन्नू को लेकर दूर आश्रम में भरे मन से चुन्नू को छोड़ आते हैं | आश्रम में चुन्नू को काम को करने के तरीके के साथ – साथ सही निर्णय किस तरह लिया जाता है इस सब बातों का प्रशिक्षण दिया जाता है | चुन्नू आश्रम के सभी नियमों का पूर्णतः पालन करता है और धीरे = धीरे सभी कार्यों में पारंगत हो जाता है | कार्यों के प्रति उसकी लगन देख आश्रम के संत महाराज बहुत खुश होते हैं | और करीब तीन माह बाद चुन्नू को वापस उसके घर भेज देते हैं | चुन्नू का चिड़चिड़ापन ख़त्म हो जाता है |
चुन्नू के जाने के बाद जंगल के जीव चुन्नू के माता – पिता से चुन्नू को जंगल में न होने की वजह बार – बार पूछते हैं | पर चुन्नू के माता – पिता चुप्पी साध लेते हैं और महात्मा जी की बात को ध्यान में रखते हुए किसी को सच नहीं बताते | इधर तीन माह बाद चुन्नू वापस जंगल आ जाता है | सभी उससे तीन महीने घर से दूर रहने की बात पूछते हैं | पर वह कुछ नहीं बताता | चुन्नू सारे काम ठीक से करने लगता है और साथ ही जंगल के दूसरे जीवों को भी काम ठीक तरह से किस प्रकार किया जाए यह समझाने लगता है | धीरे – धीरे चुन्नू की ख्याति बढ़ने लगती है | आसपास के जंगल से भी जानवर अब चुन्नू से राय लेने आने लगते है | चुन्नू में असाधारण परिवर्तन देख जंगल के सभी जीव चुन्नू को “जंगल का सलाहकार” पद से सम्मानित करते हैं | चुन्नू के माता – पिता चुन्नू को सम्मानित देख खुश होते हैं |