खंड काव्य लिखने के महारथी तो हो सकते हैं,
वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया)
💐अज्ञात के प्रति-103💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
लेखक कौन ?
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
टूटा हूँ इतना कि जुड़ने का मन नही करता,
लगा ले कोई भी रंग हमसें छुपने को
खता खतों की नहीं थीं , लम्हों की थी ,
नहीं अब कभी ऐसा, नहीं होगा हमसे
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
एक सलाह, नेक सलाह
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
मुस्कुरा देने से खुशी नहीं होती, उम्र विदा देने से जिंदगी नह
मकर संक्रांति
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम