✍️सब खुदा हो गये✍️
✍️सब खुदा हो गये✍️
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आजकल लोग बड़े ही संज़ीदा हो गये ।
गुलबहार के चमन भी अलविदा हो गये ।।
वो कहाँ है बारिश में गीली रेत के घरौंदे
बच्चो के बचपन ही अब गुमशुदा हो गये ।
अपनी ताबूत का वो इंतजाम कर गया था
दर्द से भरे थे अरमान,मौत पे फ़िदा हो गये ।
वो चुनींदा यादों की तस्वीरें सजा रहा था
उसका तोहफ़ा देखकर वो शर्मिंदा हो गये ।
उसके पैरों के तासिर में कुचल गये वो ख्वाब
बाकी जो बचे थे,उसके बिदाई में विदा हो गये ।
पीर मसिहाँ था,अवाम के लिये वो आदिल था,
उसने उठाये थे रास्ते के पत्थर,सब खुदा हो गये ।
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✍️”अशांत”शेखर✍️
10/06/2022