*सब को मित्र बनाना (मुक्तक)*
सब को मित्र बनाना (मुक्तक)
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इस जग में हे प्रभो हमारा, सब को मित्र बनाना
रहे न कोई व्यक्ति पराया, जाना या अनजाना
कटुता मिटे हृदय से सबके, प्रीति-भाव जग जाए
हृदय प्रफुल्लित रहे सदा, सबको आए मुस्काना
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451