सब को प्रभु दो स्वस्थ तन ,सबको सुख का वास (कुंडलिया)
सब को प्रभु दो स्वस्थ तन ,सबको सुख का वास (कुंडलिया)
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सब को प्रभु दो स्वस्थ तन ,सबको सुख का वास
सब को ही मिलती रहे , आती – जाती श्वास
आती – जाती श्वास , चैन सब जन नित पाएँ
रहे न कोई कष्ट , नित्य मुस्काते जाएँ
कहते रवि कविराय , करें नतमस्तक रब को
रहे नहीं बीमार , निरोगी कर दो सब को
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रब =परमात्मा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451