“सबसे बढ़कर”
“सबसे बढ़कर”
साहित्य में भी नारी सौन्दर्य का अद्भुत वर्णन मिलता है। आँखों की तुलना झील से, जुल्फों की घटाओं से, अधरों की मधु से, कोमलता की पुष्प से, चाल की हिरनी से अथवा गजगामिनी से; लेकिन इन सबसे बढ़कर है- ‘मन की सुन्दरता’। अर्थात त्याग, समर्पण, साहस, संकल्प, औदार्य इत्यादि की हृदय में उपस्थिति।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
(पूनम का चाँद : कहानी-संग्रह से)