*सदा सत्य शिव हैं*
सदा सत्य शिव हैं
शिव शंकर की अमृत वाणी।
अति प्रिय प्रभुवर ज़न कल्याणी।।
सबके हित में सहज लीन है।
घोर तपस्वी बंधुदीन हैं। ।
वामदेव श्रीकंठ निराला।
देते सबको सुख का प्याला।।
अति संतोषी धर्म ध्वजा हैं।
उनसे अति खुश सभी प्रजा हैं।
शम्भु शिवा प्रिय अनुपम देवा।
रघुबर को प्रिय शिव महदेवा।।
रामेश्वर बन विचारण करते।
दिव्य स्वतन्त्र सदा वे रहते।।
शशि माथे मृगपाणि जटाधर।
कवची नीलकंठ शिवशंकर।।
महाकाल सुरसूदन साधू।
संत हृदय प्रति प्रेम अगाधू।।
भोले बाबा का हो वन्दन।
जागत सोवत नित अभिनंदन।।
हे प्रभु विश्वनाथ खुश रहना।
अपने पास सदा हिय रखना।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।