सदा बात यूँ बोलिये सर
तराज़ू ले के, तोलिये सर
सदा बात यूँ, बोलिये सर
ग़लत शब्द कोई चुभे ना
गला तब ही, ये खोलिये सर
जहाँ दिल दुखाया किसी का
वहीं काँटे भी, बो लिये सर
फ़क़ीरों का घरबार क्या है
गए जिसके दर, सो लिये सर
जहाँ सदके में सिर झुकाया
वहाँ प्रीत में, खो लिये सर
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