सत्य क्या है?
सत्य क्या है?(नव छंद)
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यद्यपि माया,कंचन काया,आकर्षक।
है यह साधन,मोक्ष द्वार धन,हो सार्थक।।
स्वस्थ रखोगे,सुखी रहोगे,मंगल हो।
खुशी मिलेगी,राहत चाहे,जंगल हो।।
तन से सारा,मन में प्यारा,भाव जगे।
हो आह्लादन,मोहक स्पन्दन,प्यार पगे।।
काया शिवमय,प्रिय मन मधुमय,आनंदी।
वृत्ति निर्मला,सत्य उज्ज्वला,शिव नंदी।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।