*सत्य की खोज*
सत्य की खोज
चलोगे अकेले सहारा मिलेगा।
मिली बूँद प्यारी सितारा मिलेगा।।
अनायास पाया न सोचा कभी भी।
पुराना नहीं था नया था अभी भी।।
लगा किन्तु ऐसा पुराना सदा था।
मिला एक प्यारा रहा जो बदा था।।
सदा चाल मस्ती भरी दिव्य श्री थी।
छिपी बूँद में भव्य सी राजश्री थी।।
मनो तन्तु में नव्य राधा समा थी।
करारी दिलेरी दिखी थी जमा थी।।
न बंदा अकेला रहा जान लेना।
सदा प्यार पाया इसे मान लेना।।
कभी ये न सोचो अकेले खड़ा हो।
सहारा मिलेगा जरूरी बड़ा हो।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।