सतरंगी इंद्रधनुष
सच तो इंद्रधनुष सतरंगी छटा होती है न्यारी बस उम्मीद और आशाओं से भरी, जिंदगी भी हम सभी की बस यही इंद्रधनुष सतरंगी ही तो बनी है समझे तो पल वर्ष भी हम इश्क मोहब्बत चाहत में सच क्या रहते हैं बस सोच तेरी पल टिकी जो भावों में बसी न मजबूरी न ढेर बनी बस तेरे सोच और समझ का फेर हुई, सच तो इंद्रधनुष सतरंगी छटा जो यादों में सदा बसी है…..…….. सच तो जीवन का बस यही इंद्रधनुष सतरंगी है।
नीरज अग्रवाल चन्दौसी उ.प्र.