सजधज कर आती नई , दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
सजधज कर आती नई, दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
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सजधज कर आती नई, दुल्हन एक समान
मुखड़े पर लाली लिए , देखो उषा महान
देखो उषा महान , गगन कैसे मुस्काता
दिव्य ब्रह्ममय तेज ,लौट वह कभी न आता
कहते रवि कविराय ,समय यह उत्तम हरि भज
यह है काल विशेष , ईशमय लेकर सजधज
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उषा = प्रातः काल
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451