सजदे में……………( समस्त कविजनों को समर्पित रचना )
किस-किस का नाम लूँ मै
सभी इस दिल को प्यारे है ।
हीरा, पन्ना, कमल, गुलाब
एक से बढ़कर एक सितारे है ।।
कलम के जादूगर है सब,
जलवा रचनाओं में दिखता है।
दिल को हर लेने वाले जज्बात
यहाँ पर हर कोई लिखता है ।।
शब्दों में ब्यान नहीं कर सकता
यहाँ मै अपने दिल की बात ।
समझने वाले समझ ही जायेंगे
स्वत: मेरे ह्रदय के ख्यालात ।।
कितना अटूट निश्छल प्रेम
कितना सम्मान उनसे मिलता है ।
सजदे में आप सभी के
“धर्म” का मस्तक झुकता है ।।
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डी.के. निवातियाँ —-@
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