*सजता श्रीहरि का मुकुट ,वह गुलमोहर फूल (कुंडलिया)*
सजता श्रीहरि का मुकुट ,वह गुलमोहर फूल (कुंडलिया)
——————————————————-
सजता श्रीहरि का मुकुट ,वह गुलमोहर फूल
जिसने देखा पेड़ यह , पाता कभी न भूल
पाता कभी न भूल ,लाल गाढ़ा चटकीला
जैसे स्वर्ग-प्रदत्त , रूप इसका गर्वीला
कहते रवि कविराय , राह में डंका बजता
सड़क किनारे पार्क , देख लो कैसे सजता
– ——————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451