सच लिखनेवाले साहसी लोग
सच लिखनेवाले लेखकों-पत्रकारों की कमी होती जा रही ! ज्ञात हो, महान साहित्यकार मुक्तिबोध और महादेवी वर्मा को लेकर कहना है कि दोनों की कविताओं में दर्द, तो दोनों के गद्य-संसार में भी तड़प देखने को मिलेंगे !
गजानन माधव मुक्तिबोध जी की रचनाओं में कविता-भाग ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’, जो कि ‘अंधेरे में’ संकलित है और ‘कामायनी : एक पुनर्विचार’ प्रसिद्ध है, तो महादेवी जी की कविता-पुस्तकों में ‘यामा’ और विभिन्न कहानियाँ अतिशय प्रसिद्ध है, यथा:- बदलू, रामा आदि। दोनों की पुण्यतिथि अलग-अलग वर्ष लिए एक ही तिथि लिए है । आजादी से पहले गणेश शंकर विद्यार्थी बेबाक पत्रकार थे ।