सच पागल बोलते हैं
मुझे लगता है तुम पागल हो
है न हैरानी की बात?
मैं तुम्हें पागल कह रही हूँ
मैं हा क्यों
कल तुम्हें और सब भी
पागल ही समझेंगे
समझेंगे ही नहीं कहेंगे भी
क्योंकि तुम सच बोल रहे हो
और सच बोलना आज के युग में
पाप है, मूर्खता है, पागलपन है
क्या तुम्हें पता नहीं
सच बोलने के कारण ही तो
ईसा को
सूली पर चढ़ाया गया था?
सच ही के कारण सुकरात को
जहर पीना पड़ा था
तुम
लोगों को उनके घाव मत दिखाओ
इन घावों से रिसते मवाद से उन्हें
डर लगता है
वे लोग
जो झूठ, फरेब और मक्कारी के
रिसते नासूरों से
प्रेम करने लगे हैं
तुम उनको सच्चाई के नश्तर से मत कुरेदो
वे लोग
पीड़ा से बिलबिलाकर
छटपटाकर
तुम्हें ही नोच डालेंगे
फिर तुम
सूली पर चढ़े ईसा की तरह
लोगों के पत्थरों का शिकार बनकर
स्वयं अपना तमाशा देखोगे
लेकिन कोई तुम्हें ईसा नहीं कहेगा
ईसा मसीह बनने वाले
पता नहीं कब पैदा होंगे
पर यह भी जान लो कि
पत्थर मारने वाले तो
कल भी थे और आज भी हैं
और आगे बी रहेंगे
लेकिन हर पत्थर खाने वाला
ईसा मसीह नहीं बन जाता
उसके लिए तो
युगों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है