सच्ची बकरीद
झूठी तस्सली में न बहना,
कुछ बिगड़ जाए तो न कहना।
महज दिखावा से रब नहीं मिलता,
उसे पाना है तो हुकुम में रहना।
इब्राहीम ने बेटे की कुर्बानी दी।
अल्लाह से प्यार था
इस बात की निशानी दी।
मेरा सलाम इस्माइल को जिसने,
वालदैन से जिबह होकर
कौम को कहानी दी।
अल्ला पाक बन्दे की
शान नहीं जाने देता।
इस्माइल के बदन पर
खंरोच तक नहीं आने देता।
वह तो रहमान है
खबर रखता अपने आबिद की,
इसीलिए इब्राहिम की
आन नहीं जाने देता ।
सुनो मोमिन तमाम
राह मुश्किल है रब की।
आलमीन खुदा पाक
दुआ सुनता है सबकी।
बेजुबान की कुर्बानी से
नहीं बनेगा काम।
सुपुर्द कर दे खुदी,
फ़ना हो जा रब के नाम।
शम्स तबरेज, रूम,
बुल्ला व हुसैन शाह।
पाक ईमान रखा
छोड़ी नहीं कभी राह।
मुरशिद के हुक्म में ही
इन सबका बसर था।
इबादत सच्ची थी
और सिजदे में असर था।
ये भी मुसलमान
जो थे खुदा को बहुत प्यारे।
किया दीदार रब का
पार गए उस किनारे।
मुबारक हो जाए तेरा
हज,ज़कात,नमाज व रोजा।
बस एक काम कर
ईमान का पक्का हो जा।
अगर ख्वांहिश है सच्ची
और रब को है पाना।
कामिल वाक़िफ़कार की
पनाह में पड़ेगा जाना।
फिर तेरे सिजदे में
एक अज़ब की रवानी होगी।
खुदा नूर झलकेगा
धुर से बांग ए आसमानी होगी।
खुदा की शान में
बहार नज़्म गाएगी।
शुकून मिलेगा दिल को
तेरी ईद मन जाएगी।