Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2024 · 1 min read

सच्ची दोस्ती

यह कविता सच्ची दोस्ती की भावना को बहुत सुंदर तरीके से व्यक्त करती है। कवि डॉ. रामबली मिश्र ने इस कविता में दोस्ती के महत्व और उसकी पवित्रता को दर्शाया है।

कविता की कुछ पंक्तियाँ विशेष रूप से ध्यान देने योग्य हैं:

– “जब से तुझसे मधु नेह लगा तुम नित्य सदा दिल में रहते हो।”
– “तुम दिव्य सुधा प्रिय अमृत सा अति पावन धाम सदा लगते हो।”
– “तुझसे मिलना प्रभु आशिष है तुम भव्य प्रसाद महा पगते हो।”

यह कविता दोस्ती की गहराई और पवित्रता को दर्शाती है, और यह बताती है कि सच्चे दोस्त हमेशा हमारे दिल में रहते हैं और हमारे जीवन को सुंदर बनाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समीक्षा

1 Like · 26 Views

You may also like these posts

" शिक्षा "
Dr. Kishan tandon kranti
विषय-माँ।
विषय-माँ।
Priya princess panwar
सच्चा शूरवीर
सच्चा शूरवीर
Sunny kumar kabira
तुर्की में आए भूकंप पर मेरे विचार
तुर्की में आए भूकंप पर मेरे विचार
Rj Anand Prajapati
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मोहब्बत
मोहब्बत
निकेश कुमार ठाकुर
जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*घर आँगन सूना - सूना सा*
*घर आँगन सूना - सूना सा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
Neeraj kumar Soni
*उत्साह जरूरी जीवन में, ऊर्जा नित मन में भरी रहे (राधेश्यामी
*उत्साह जरूरी जीवन में, ऊर्जा नित मन में भरी रहे (राधेश्यामी
Ravi Prakash
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कल्पना के राम
कल्पना के राम
Sudhir srivastava
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
सत्य कुमार प्रेमी
कई रंग दिखाती है ज़िंदगी हमें,
कई रंग दिखाती है ज़िंदगी हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर और घर की याद
घर और घर की याद
डॉ० रोहित कौशिक
ସହଜରେ?
ସହଜରେ?
Otteri Selvakumar
प्रकृति का बलात्कार
प्रकृति का बलात्कार
Atul "Krishn"
हम तो हैं इंसान के साथ
हम तो हैं इंसान के साथ
Shekhar Chandra Mitra
"आधी है चन्द्रमा रात आधी "
Pushpraj Anant
जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है।
जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है।
Manisha Manjari
राजनीति की गरमी
राजनीति की गरमी
Acharya Rama Nand Mandal
बेचो बेचो सबकुछ बेचो
बेचो बेचो सबकुछ बेचो
Abasaheb Sarjerao Mhaske
मुखौटा
मुखौटा
Vivek Pandey
किसी ओर दिन फिर
किसी ओर दिन फिर
शिवम राव मणि
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
धूप छांव
धूप छांव
प्रदीप कुमार गुप्ता
" सुबह की पहली किरण "
Rati Raj
दोहा पंचक . . . सच-झूठ
दोहा पंचक . . . सच-झूठ
sushil sarna
क्या तुम मुझको भूल पावोगे
क्या तुम मुझको भूल पावोगे
gurudeenverma198
Loading...