सच्ची दोस्ती
यह कविता सच्ची दोस्ती की भावना को बहुत सुंदर तरीके से व्यक्त करती है। कवि डॉ. रामबली मिश्र ने इस कविता में दोस्ती के महत्व और उसकी पवित्रता को दर्शाया है।
कविता की कुछ पंक्तियाँ विशेष रूप से ध्यान देने योग्य हैं:
– “जब से तुझसे मधु नेह लगा तुम नित्य सदा दिल में रहते हो।”
– “तुम दिव्य सुधा प्रिय अमृत सा अति पावन धाम सदा लगते हो।”
– “तुझसे मिलना प्रभु आशिष है तुम भव्य प्रसाद महा पगते हो।”
यह कविता दोस्ती की गहराई और पवित्रता को दर्शाती है, और यह बताती है कि सच्चे दोस्त हमेशा हमारे दिल में रहते हैं और हमारे जीवन को सुंदर बनाते हैं।
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