सच्चाई के पक्षधर : डाॅ. ए. कीर्तिवर्धन अग्रवाल
वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. ए. कीर्तिवर्धन अग्रवाल जी के संदर्भ में:
सच्चाई के पक्षधर: डाॅ. ए. कीर्तिवर्धन अग्रवाल
– आनन्द प्रकाश आर्टिस्ट
कहने की आवश्यकता नहीं कि 9 अगस्त, सन् 1956 को शामली मुजफफर नगर(उत्तर प्रदेश) के श्री विद्याराम अग्रवाल जी के घर मात श्रीमती लक्ष्मीदेवी जी की कोख से जन्में डाॅ. ए. कीर्तिवर्धन अग्रवाल जी आज किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं। बतौर बैंक कर्मचारी 8 सितम्बर, सन् 1980 को नैनीताल बैंक प्रा.लि. से अपनी सरकारी सेवा का सफर शुरू करके 31 अगस्त 2016 को इसी बैंक की मुजफफरनगर शाखा से बतौर बैंक अधिकारी सेवानिवृत होने वाले डाॅ. ए. कीर्तिवर्धन अग्रवाल जी के व्यक्तित्व का एक अन्य आयाम भी है जिसे पत्र-पत्रिकाओं के नियमित पाठक ही नहीं, बल्कि फेसबुक यूजर भी इनके साहित्यिक व्यक्तित्व के रूप में बहुत अच्छी तरह से जानते और पहचानते हैं।
पत्राचार के माध्यम से डाॅ. ए. कीर्तिवर्धन अग्रवाल के साहित्यिक व्यक्तित्व से मेरा निकट का सम्बंध बहुत पहले से रहा है, किन्तु मेरा यह सौभाग्य रहा कि जनवरी 2014 में झाँसी में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय अधिवेशन में मेरी मुलाक़ात व्यक्तिगत रूप् से इनसे हुई। वहाँ हम तीन दिन इकट्ठे रहे, हमने साहित्यिक चर्चा के साथ-साथ नगर भ्रमण एवं झाँसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई के किले का भ्रमण भी साथ-साथ किया। भिवानी से मेरे साथ डाॅ. मनोज भारत, विकास यशकीर्ति, विनोद आचार्य और महेन्द्रसिंह आदि साहित्यकार मित्र भी थे। हम सभी इनके साहित्यिक व्यक्तित्व के साथ-साथ सामाजिक एवं राष्ट्रीय चिंन्तकरूपी व्यक्तित्व की भी एक गहरी छाप लेकर भिवानी लौटे।
उपरोक्त मुलाक़ात के बाद तो पत्राचार नहीं, बल्कि फोन और फेसबुक पर हम लगातार इनके सम्पर्क में रहे। डाॅ. मनोज भारत जब मेरे व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर दृष्टिगत रखते हुए ‘आनन्द प्रकाश आर्टिस्ट के हरियाणवी गीतों में संवेदनात्मक अभिव्यक्ति’ नामक आलोचनात्मक गं्रथ लिख रहे थे, तब भी उन्होंने इनसे सम्पर्क किया था और इन्होंने बहुत ही कम और नपे-तुले शब्दों में मेरे व्यक्त्वि एवं कृतित्व पर जो टिप्पणी दी है, उसे न केवल मैंने पसंद किया है, बल्कि विषय विशेष के मर्मज्ञ अध्येताओं ने भी खूब सराहा है। इन्होंने अपनी कुछ ही काव्य पंक्तियों में बहुत कुछ कह दिया है। इनकी पंक्तियां हरियाणा साहित्य अकादमी के सौजन्य से सूर्य भारती प्रकाशन नई सड़क, नई दिल्ली द्वारा मई 2017 में प्रकाशित पुस्तक ‘आनन्द प्रकाश आर्टिस्ट के हरियाणवी गीतों में संवेदनात्मक अभिव्यक्ति’ के पृष्ठ…..पर दी गई हैं।
उपरोक्त के लिए इनके आभार सहित, इनके व्यक्तित्व के एक अन्य पहलू पर भी मैं प्रकाश डालना चाहुंगा कि सच्चाई का पक्ष लेना और सच कहना इनके स्वभाव का एक अहम् हिस्सा है। अपने जीवन की गहरी अनुभूतियों को इन्होंने अपनी पुस्तक ‘सच्चाई का परिचय-पत्र’ में व्यंग्यात्म शैली (कविता) में प्रस्तुत किया है, तो इनकी फेसबुक वाल पर विजिट करने वाले फेसबुक यूजर जानते हैं कि शायद ही कोई दिन ऐसा होता होगा, जब डाॅ. ए. कीर्तिवर्धन अग्रवाल जी देश के वर्तमान हालातों पर चिन्ता व चिंतन करते हुए अपनी काव्य पंक्तियों के माध्यम से जनमानस के दिमाग़ पर दस्तक न देते हों।
फेसबुक वाल पर इनकी कोई भी पोस्ट केवल लाईक करने या केवल कोई छोटी-मोटी टिप्पणी करके आगे बढ़ जाने वाली नहीं होती है, बल्कि जनमानस को जगाने और राष्ट्र व समाज को जनहित में अपने दायित्वों के प्रति समय रहते सचेत करने और किसी भी बात पर कोई भी प्रतिक्रिया अथवा टिप्पणी न देने की प्रवृति वाले किसी फेसबुक यूजर को भी टिप्पणी करने के लिए प्रेरित करने वाली होती है।
मुझे पता चला है कि मेरे अग्रज वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. ए. कीर्तिवर्धन अग्रवाल जी के जीवन व कार्यों के मूल्यांकन को किसी पत्रिका द्वारा अपने ‘साहित्यकार मूल्यांकन विशेषांक’ में स्थान दिया जा रहा है। अतः इसके लिए इन्हें व पत्रिका विशेष के सम्पादक/प्रकाशक को हार्दिक शुभकामनाएं! इस विश्वास के साथ कि यह अंक पठनीय ही नहीं, बल्कि संग्रहणीय भी होगा।
– आनन्द प्रकाश आर्टिस्ट,
साहित्यमंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भिवानी एवं
अध्यक्ष, आनन्द कला मंच एवं शोध संस्थान सर्वेश सदन,
आनन्द मार्ग, कोंट रोड़ भिवानी-127021(हरियाणा)