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Shweta Soni
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21 Apr 2024 · 1 min read
संवेदना
भले हीं
कितनी भी लाशें
बिछा दें हम
संवेदना शून्य होकर
नहीं जीती जा सकती
कोई भी जंग!!
Competition:
"संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता
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