Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2022 · 1 min read

दौलत बड़ी या मां का दुलार !

करोड़ों की संपत्ति छोड़ गई मां,
मगर अपना प्यार और दुलार तो संग ले गई मां ।
रुपए के चंद सिक्के ,और नोट तो
नहीं पूछेंगे न दिल का हाल ।
जमीन जायदाद भी नहीं पूछेगी ,
तुमने सुबह से खाना खाया है या नहीं?
महंगी गाडियां नहीं पूछेगी ,
तू रात भर सोई भी है या नहीं ।
कोई भी आलीशान संसाधन ,
बंगले ,फॉर्म हाउस आदि नहीं पूछने वाले ,
ना मनाने वाले हैं ।
ना ही आंसू पोंछने वाले हैं।
हां! मगर जान का खतरा जरूर है ।
दौलत के लिए ही मां की जान गई ,
कहीं यही दौलत इस मासूम की दुश्मन न बन जाए।
अब ईश्वर ही उसका खयाल रखे ,
उसकी रक्षा करे और
मां बाप को कमी को पूरा करे ।
क्यों की आखिर तो वही सच्चा मां बाप है ।
वोह बेसहारों का सहारा ,
अनाथों का नाथ ।
सर्व शक्तिमान परम पिता परमात्मा है ।

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 335 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आजावो माँ घर,लौटकर तुम
आजावो माँ घर,लौटकर तुम
gurudeenverma198
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
कवि दीपक बवेजा
अब उठो पार्थ हुंकार करो,
अब उठो पार्थ हुंकार करो,
अनूप अम्बर
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**"श्रद्धा विश्वास रुपिणौ'"*
Shashi kala vyas
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
आज दिवस है  इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
आज दिवस है इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
sushil sarna
मृदुलता ,शालीनता ,शिष्टाचार और लोगों के हमदर्द बनकर हम सम्पू
मृदुलता ,शालीनता ,शिष्टाचार और लोगों के हमदर्द बनकर हम सम्पू
DrLakshman Jha Parimal
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
Ram Krishan Rastogi
मोबाइल महिमा
मोबाइल महिमा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*लम्हे* ( 24 of 25)
*लम्हे* ( 24 of 25)
Kshma Urmila
रैन बसेरा
रैन बसेरा
Shekhar Chandra Mitra
*पुस्तक (बाल कविता)*
*पुस्तक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
खींचो यश की लम्बी रेख।
खींचो यश की लम्बी रेख।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रिशते ना खास होते हैं
रिशते ना खास होते हैं
Dhriti Mishra
"अमृत और विष"
Dr. Kishan tandon kranti
बीती यादें भी बहारों जैसी लगी,
बीती यादें भी बहारों जैसी लगी,
manjula chauhan
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
लक्ष्मी सिंह
चेहरे के भाव
चेहरे के भाव
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
धनमद
धनमद
Sanjay ' शून्य'
घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं?
घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं?
Dr MusafiR BaithA
बढ़ी शय है मुहब्बत
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
तूफ़ान और मांझी
तूफ़ान और मांझी
DESH RAJ
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
Neerja Sharma
ज़िस्म की खुश्बू,
ज़िस्म की खुश्बू,
Bodhisatva kastooriya
"हल्के" लोगों से
*Author प्रणय प्रभात*
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चिट्ठी   तेरे   नाम   की, पढ लेना करतार।
चिट्ठी तेरे नाम की, पढ लेना करतार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...