Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2023 · 1 min read

संग रहूँ हरपल सदा,

संग रहूँ हरपल सदा,
बनूँ कभी ना ग़ैर
है अपंग यदि ज़िन्दगी,
कटे तेरे बग़ैर
महावीर उत्तरांचली

229 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
कविता
कविता
Vandana Namdev
खून दोगे तुम अगर तो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा
खून दोगे तुम अगर तो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा
Dr Archana Gupta
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
Rj Anand Prajapati
GOOD EVENING....…
GOOD EVENING....…
Neeraj Agarwal
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
जय लगन कुमार हैप्पी
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
Swami Ganganiya
जीवन की परख
जीवन की परख
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
भीड़ पहचान छीन लेती है
भीड़ पहचान छीन लेती है
Dr fauzia Naseem shad
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
ए जिंदगी ,,
ए जिंदगी ,,
श्याम सिंह बिष्ट
झकझोरती दरिंदगी
झकझोरती दरिंदगी
Dr. Harvinder Singh Bakshi
मेरा स्वप्नलोक
मेरा स्वप्नलोक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
चरित्र राम है
चरित्र राम है
Sanjay ' शून्य'
कितने बड़े हैवान हो तुम
कितने बड़े हैवान हो तुम
मानक लाल मनु
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
भारत कभी रहा होगा कृषि प्रधान देश
भारत कभी रहा होगा कृषि प्रधान देश
शेखर सिंह
कर्म ही है श्रेष्ठ
कर्म ही है श्रेष्ठ
Sandeep Pande
रंगों  की  बरसात की होली
रंगों की बरसात की होली
Vijay kumar Pandey
साँझ ढले ही आ बसा, पलकों में अज्ञात।
साँझ ढले ही आ बसा, पलकों में अज्ञात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
*Author प्रणय प्रभात*
*जिंदगी के अनुभवों से एक बात सीख ली है कि ईश्वर से उम्मीद लग
*जिंदगी के अनुभवों से एक बात सीख ली है कि ईश्वर से उम्मीद लग
Shashi kala vyas
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
VINOD CHAUHAN
2952.*पूर्णिका*
2952.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जगदाधार सत्य
जगदाधार सत्य
महेश चन्द्र त्रिपाठी
त्रिशरण गीत
त्रिशरण गीत
Buddha Prakash
याद
याद
Kanchan Khanna
भाईदूज
भाईदूज
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*नव-संसद की बढ़ा रहा है, शोभा शुभ सेंगोल (गीत)*
*नव-संसद की बढ़ा रहा है, शोभा शुभ सेंगोल (गीत)*
Ravi Prakash
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...