संगीत सुनाई देता है
जब शब्द-शब्द से प्राणों का,
संगीत सुनाई देता है ।
तब तुझमें सहज विधाता का,
प्रतिबिंब दिखाई देता है ।।
ठुमरी धमार दादरा ध्रुपद,
अंतर् में गाते वाद्य यंत्र।
करते हैं कोमल तीव्र राग,
अवगाहन मानस नमन मंत्र।।
प्रिय पंचम राग तुम्हारा शुभ,
नित मुझे रिहाई देता है ।
शब्द-शब्द……………..।।
तुम लगते भजन ग़ज़ल-जैसे,
जी चाहे तुम्हें गुनगुनाऊँ ।
स्वर्णिम प्रभात की बेला में,
आँगन तुम्हारे चहचहाऊँ।।
अवदान प्रीति का मधुर सदा,
अनुराग सवाई देता है ।
शब्द-शब्द……………….।।
पावन मंदिर के दीपक-सा,
पूजूँ मैं कुमकुम लगा भाल ।
साँसों की रजनी गंधा से,
जीवन का हर पल हो निहाल।।
प्रियवर की प्रणय-पुकारों का,
स्वर-नाद मिठाई देता है ।।
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
18/12/2022