“ संक्षिप्तता “
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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बहुत सी बातें हम भी
कहना चाहते हैं !
बहुत सी कहानियाँ हम भी
सुनाना चाहते हैं !!
इन लंबी कहानियों
को भला कौन पढ़ता है ?
खंड काव्यों को
कौन यहाँ समझता है ?
यहाँ तो सब
भाग -दौड़ में लगे हुए हैं !
सब अपनी ही बातों को
कहने में भिड़ें हुए हैं !!
पार्टियाँ ,हवाई यात्रा
और जश्नों में ही उलझे रहते हैं !
उनकी तस्वीर और सेल्फ़ी
को हर क्षण पोस्ट करते रहते हैं !!
यह सोचना कि दोस्त
अनगिनत हमने बना रखा है !
उसने भी अपना एक
सुंदर आशियाना बना रखा है !!
बृहद लेखनी का मंच
यह कभी भी बन नहीं सकता !
आप चाहे कुछ लिखेँ
सब इसे समझ नहीं सकता !!
संक्षिप्तता में ही
साहित्य का प्राण बसता है !
जिसकी अविरल
धार से सब सिक्त होता है !!
इस रंगमंच को
भलीभाँति पहचान लें !
हर घड़ी हर क्षण
हमेशा संक्षिप्तता को ध्यान दें !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
नाग पथ
शिव पहाड़
दुमका
झारखण्ड
भारत
23.01.2022.