श्री गणेश प्रार्थना
श्री गणेश प्रार्थना
बुद्धिप्रिय बुद्धिनाथ,
धूम्रवर्ण, एकदंत।
आपकी शरण पड़े,
बुद्धिदान दीजिए।
गणपति, गणाध्यक्ष,
प्रथमेश, देवदेव,
यशस्विन, योगाधिप,
यश वृद्धि कीजिए।
वीर गणपति साथ,
विद्या वारिधि नाथ,
शरण गहूं तुम्हारी,
मन माही छीजिए ।
सभी विघ्न नाश करो,
विघ्नहर्ता हाथ गहो,
सभी विघ्ननाशाय,
शपथ आप लीजिए।
अवनीश,भुवनीश,
वक्रतुंड, एकदंत,
चतुर्भुज रूप आज,
कष्ट से उबार दो।
गदाधर, गणाध्यक्ष,
देवप्रिय, सिद्धिप्रिय,
सुमुख,स्वरूप, कर,
भवसागर पार दो।
कीर्ति गढ़ो, क्षेम करो,
कपिल, कवीश आज,
शरण पड़ों की लाज,
फिरसे संवार दो।
हे हेरंब, भालचंद्र,
अखूरथ, शूपकर्ण,
लंबोदर, लंबकर्ण,
जिंदगी संवार दो ।
आशुतोष प्रिय पुत्र,
पार्वती नंदन आप,
कार्तिकेय लघुभ्रात,
दयालु दया करो।
एकाक्षर, प्रथमेश,
रिद्धि-सिद्घि प्राणनाथ,
धूम्रवर्ण, गजकर्ण,
कृपालु कृपा करो।
मंगलमूर्ति, सुजान,
महाबल, बुद्धिमान,
महादेव, गौरीसुत,
अंक में भरो भरो।
अमित, अनंत तुम
कोटि भास्कर प्रभा,
गजवक्र, महाकाय,
विघ्न सब हरो- हरो।
इंदु पाराशर