श्रीराम संदेश
संदेश यही श्रीराम दिया
धर्म एक ही मानवता।
सब राष्ट्र मिल एक होगें
एक विश्व की राष्ट्रयिता।
भूल कर मतभेद आपसी
सीखेंगे बंधुत्व एकता।
सूक्ष्म कारण रूप लेकर
सक्रीय होगी गुरूसत्ता।
जान पड़ी अब हमको
भविष्य वाणी की सत्यता।
देवसंस्कृति स्वीकार होगी
जाँच परख कर महत्वता।
जो सहज स्वीकार करेगें
बदलेंगें आसुरी जीवन रस्ता।
उनको संरक्षण मिलेगा
उपाय श्रेष्ट और सस्ता।
जो उलटे बने रहेंगे
उलटा कर सीधा करना बचता।
महाकाल जो ठान लिया
निश्चित ही होकर रहता।
सतयुग का सूत्रपात
विनाशक लीला से होता।
जो आस्था विश्वास करें
मानवी गुणों पर ही चलता।
वह कब परेशान हुआ
सह लेता सारी विषमता।
देख उसकी आध्यात्म भक्ति
देवपरिवार भी सहयोग करता।